Monday, November 26, 2012

S. Abdullah Tariq, अल्लामा सय्यद अब्दुल्लाह तारिक़ साहब एक मुख़लिस मोमिन और दीन के दावती काम को अंजाम देने वाले साहिबे इरफ़ान शख्स हैं




अल्लामा सय्यद अब्दुल्लाह तारिक़ साहब एक मुख़लिस मोमिन और दीन के दावती काम को अंजाम देने वाले साहिबे इरफ़ान शख्स हैं। उनकी मुलाक़ात के बाद बहुत से लोगों के दिल से बातिल का अंधेरा दूर हुआ और ईमान की रौशनी उन्हें नसीब हुई। ऐसे कितने ही लोगों को हमने ख़ुद अपनी आंखों से देखा है। जिन लोगों को क़ुरआन में और अल्लाह के वुजूद में शक था, उनका शक दूर हुआ और उन्हें यक़ीन हासिल हुआ।
90 के दशक में दिवाकर राही एडवोकेट ने क़ुरआन पर ऐतराज़ जताए तो उन तमाम ऐतराज़ात का जवाब उनमें से किसी ने आज तक नहीं दिया, जो फ़तवे सादिर करते हैं, उन ऐतराज़ात का जवाब अल्लाम सय्यद अब्दुल्लाह तारिक़ साहब ने फ़ौरन दिया और वह ‘गवाही‘ के नाम से छपी हुई शक्ल में भी दस्तयाब है। पूरा रामपुर और सारा दावती हल्क़ा उनके इस काम का गवाह है। इन तमाम कामों को नज़रअंदाज़ करके तारिक़ साहब के बारे में झूठ वहीं शख्स बोल सकता है, जिसकी अक्ल मारी गई हो या जो आखि़रत की पकड़ से बेख़ौफ़ हो।
ईमान वाला कोई शख्स झूठा इल्ज़ाम हरगिज़ नहीं लगा सकता। अफ़सोस की बात यह है कि ये लोग ख़ुद को दीन का ज़िम्मेदार बना कर पेश करते हैं।

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