Thursday, January 24, 2013

पैग़म्बर मुहम्मद साहब स. पर इस अनोखी किताब को शुद्ध हृदय से पढ़िए ताकि आप अपनी परेशानियों से मुक्ति पा सकें

आज दुनिया परेशान है। दुनिया बहुत सी वजहों से परेशान है। इन सब परेशानियों की वजह यह है कि आज वह किसी आदर्श का पालन नहीं कर रही है। शासक निरंकुश हो गए हैं, वे मध्यम वर्ग और ग़रीब-मज़दूर तबक़े को नज़रअंदाज़ करके नीतियां बना रहे हैं। जनता चिल्लाती है लेकिन वह उनसे किस आदर्श के पालन की आशा करती है ?, वह उन्हें बताने में नाकाम है।
नौजवान नस्ल नशे और आज़ाद यौन संबंधों के आदी हो रहे हैं। मां-बाप परेशान हैं कि हमारे बच्चे बिगड़ रहे हैं। नौजवान नस्ल के सामने मां-बाप किसी का नाम ही नहीं लेते कि आप उस आदर्श महापुरूष का अनुसरण कीजिए।
अगर वे किसी पुराने महापुरूष का या किसी महान नारी का नाम लेते भी हैं तो नौजवान लड़के-लड़कियां उन महान नर-नारियों पर ही 70 सवाल खड़े कर देते हैं और मां-बाप उन का जवाब नहीं दे पाते।
कारण यह है कि वे सब इतिहास से बहुत पहले हुए हैं और उनके चरित्र में बाद में ऐसी बातें जोड़ दी गईं, जिनका अनुकरण करना संभव ही नहीं है। इस तरह आज उनसे श्रद्धा तो रखी जा सकती है लेकिन जो कुछ उन्होंने किया, वह आज नहीं किया जा सकता।
धर्म के जानकारों का हाल भी ख़राब है। अधिकतर लोगों ने धर्म को व्यवसाय बना लिया है। जो लोग मुफ़्त में सिखा रहे हैं, उनमें भी नशे के आदी मिल जाते हैं। वे उपासना गृहों में बैठकर लड़कियों के नाच देख रहे हैं और गाने सुन रहे हैं। यह सब वे धर्म के नाम पर कर रहे हैं। वे ईश्वर की उपासना के लिए ऐसा तरीक़ा बता देते हैं, जिसमें हज़ारों रूपया ख़र्च होता है। जो धर्म नहीं था, उसे धर्म बना दिया गया। धर्म, जो कि इंसान को बचा सकता था, उसे भुला दिया गया।
जब जब धर्म को भुलाया गया, तब तब ईश्वर ने अपनी ओर से ‘परम ज्ञान‘ का अवतरण किया।
आधुनिक इतिहास में पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अकेले ऐसे आदमी हैं, जिन पर ईश्वर की ओर ‘परम ज्ञान‘ का अवतरण हुआ ताकि लोगों को उनके रूप में एक आदर्श मिल सके और वे धर्म के मार्ग पर चलकर अपने लोक-परलोक के कष्टों से मुक्ति पा सकें।
उस परम ज्ञान का नाम क़ुरआन है। पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जीवन उसका व्यवहारिक आदर्श है। उनकी जीवनी के बारे में हरेक भाषा में हज़ारों किताबें लिखी गई हैं। उनके बारे में जानकारी आम होने से जनता का जीवन आसान हुआ। इससे वे लोग परेशान हो गए, जो लोग जनता से पूजा-पाठ के नाम पर घी-दूध और सोना-चांदी वसूल कर रहे थे। उन्हें लगा कि अगर इसे न रोका गया तो जनता उनके ‘ प्राचीन मायाजाल‘ से निकल जाएगी। इसके लिए उन्होंने पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब स. के बारे में झूठी जानकारी परोसनी शुरू की। उन्होंने क़ुरआन की आयतों को काट-छांट कर पेश किया और आज तक कर रहे हैं। जिन्हें सत्य की समझ नहीं है, वे सब इसमें फंस कर नष्ट हो गए लेकिन जिन्हें सत्य का पता है, वे पैग़म्बर साहब स. के बारे में सही जानकारी सामने लाते रहे।
प्रोफ़ेसर रामाकृष्णा राव एक ऐसे ही विद्वान हैं। उनकी लिखी पुस्तक ‘इसलाम के पैग़म्बर मुहम्मद साहब‘ को दुनिया भर में सराहा गया है। इस पुस्तक का अनुवाद दुनिया की कई बड़ी भाषाओं में किया जा चुका है।
पैग़म्बर मुहम्मद साहब स. पर इस अनोखी किताब को शुद्ध हृदय से पढ़िए ताकि आप अपनी परेशानियों से मुक्ति पा सकें। दुनिया के सामने आज सबसे बड़ा संकट आदर्श का संकट है। पैग़म्बर साहब स. के मानने से ही यह संकट हल हो सकता है। सारे संकटों का मूल वास्तव में ही है।
आईये, सारे संकटों के मूल पर मिलकर प्रहार करें।
पुस्तक यहाँ देखें-

http://islaminhindi.blogspot.in/2010/04/book-prof-rama-krishna-rao.html

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