Monday, March 11, 2013

Why do Muslims eat Halal - Unbelievable हलाल तरीक़े से ज़िबह करना जानवरों के लिए शांतिदायक क्यों ?

जब से इंसान ने जानवरों को पालना सीखा है। तबसे वह उनसे काम लेता आया है। वह उन्हें खूंटे से बांधता है, उनके नरों से अपने खेत में हल चलवाता है और उनकी मादाओं का दूध पीता है। वे अपने पालने वाले के सामने हठ करते हैं तो वह उन्हें डंडा मारकर सीधा कर देता है। 
मनुष्य को पशुओं पर यह अधिकार स्वयं परमेश्वर ने दिया है। इसीलिए प्राचीन धर्मग्रंथों में इसका वर्णन भी है। उन ग्रंथों में यह भी लिखा है मनुष्य अपनी ज़रूरत के लिए पेड़-पौधों और पशुओं को काट भी सकता है। पशुओं को काटने तक की विधि धर्म ग्रंथों में बताई गई है। बाद में जब बहुत से देवी देवताओं की पूजा का चलन शुरू हुआ तो इस विधि को भुला दिया गया।
हज़रत इबराहीम अलैहिस्-सलाम ने ऐसे ही माहौल में आंखें खोलीं। जिसमें सूरज, चाँद सितारों और मूर्तियों की पूजा की जा रही थी। वे इन सब बातों से संतुष्ट न थे। उन्होंने सच्चाई की खोज की और उसे पा लिया। ईश्वर ने उन्हें अपने धर्म का ज्ञान दिया। पशुओं को काटने की प्राचीन सही विधि का फिर से चलन शुरू हुआ। उनकी नस्ल में 70 से ज़्यादा पैग़म्बर पैदा हुए और सिददीक़ीन, शुहदा और सालिहीन के अज़ीम दर्जे को पाने वाले नेक आलिमों का तो शुमार ही मुमकिन नहीं है।
वे सब हलाल तरीक़े से ही जानवरों को ज़िबह करते थे। इसमें उस पैदा करने वाले मालिक का नाम लेकर उसकी महिमा बयान की जाती है। ज़िबह होने वाले जानवरों पर इसका चमत्कारिक असर पड़ता है। इससे उन्हें शाँति मिलती है। 
सैम कौउका (Sam Kouka) ने अल्लाह के नाम का यह चमत्कार स्वयं देखा और इस वीडियो के ज़रिये उसे आपके साथ शेयर भी किया है। देखिए-